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हल्दी के साथ कौन सी दवा नहीं लेनी चाहिए?

तंदूरी मैरिनेड में इस्तेमाल होने वाले मसाले, जैसे हल्दी, अदरक और लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो संभावित रूप से इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ावा दे सकते हैं और पुरानी बीमारियों से बचा सकते हैं. चिकन या मछली जैसे लीन मीट से तैयार तंदूरी डिश बैड फैट की मात्रा कम हो जाती है. डीप फ्राइड या ज्यादा ऑयली खाने के विकल्पों की तुलना में, तंदूरी डिश उन लोगों के लिए एक स्वस्थ विकल्प हो सकती हैं जो अपने कैलोरी कॉउंट पर हमेशा नजर बनाए रखते हैं साथ ही वेट मैनेजमेंट भी तंदूरी फूड उनके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. इसके अलावा जिन लोगों को हृदय संबंघी समस्याएं हैं उन लोगों के लिए बिना तेल का ये तंदूरी खाना एक बेहतर फायदेमंद विकल्प हो सकता है.

पाचन क्रिया खराब होने की वजह से मुँह में छाले हो जाते है। हल्दी में उष्ण गुण होते है। जिससे पाचकाग्नि को ठीक करने में मदद मिलती है। हल्दी मुँह के छालों को जल्द ही ठीक कर देती है।

खांसी और जुकाम एक ऐसी बीमारी है । जो मौसम के परिवर्तन के साथ ही चली आती है। यह समस्या बहुत ही ज्यादा आम समस्या है। हल्दी के उपयोग से बहुत कम समय में इस समस्या का समाधान पा सकते हैं। हल्दी की तासीर को गर्म माना जाता है। इसलिए हल्दी की भाप लेने से जुकाम की परेशानी दूर हो जाती है। हल्दी की भाप लेने के पश्चात पानी को नहीं पीना चाहिए।

कान के बहने में आराम पाने के लिए पानी में हल्दी डालकर उबाले छानकर इसे कान में डालें।

अगर आपको किसी भी चीज़ से एलर्जी है तो आपको हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।

हल्दी शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है

मसाले के रूप में हल्दी का उपयोग किया जाता है। हिन्दू धर्म में हल्दी को बहुत महत्वपूर्ण माना है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हल्दी का प्रयोग किया जाता है। विवाह जैसे शुभ कार्य में भी हल्दी का महत्व होता है। इसके अलावा हल्दी में कई प्रकार के गुण पाए जाते हैं। जो बीमारियों से लड़ने में आपकी मदद करते हैं। इसमें आयुर्वेदिक गुण भी पाए जाते हैं। जिसके कारण इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।

कच्ची हल्दी का उपयोग फेस पैक के रूप में भी किया जा सकता है।

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो जड़ से कभी ख़तम खतम नहीं की जा सकती है। पर इस बीमारी का रोकथाम संभव है। इसके लिए हल्दी बहुत कारगर साबित हो सकती है। हल्दी दो से पांच ग्राम हल्दी में आंवला का रस और शहद मिलाकर सुबह शाम खाना चाहिए। इससे डायबिटीज के मरीजों को आराम मिलेगा।

बहुत से लोगों को हल्दी का दूध शायद अच्छा नहीं लगता होगा लेकिन जब आप हल्दी का दूध पीने के फायदे जान जाएंगे तो आप भी इसे पीने पर मजबूर हो जाएंगे।

खून में शुगर की मात्रा का बढ़ना यानी डायबिटीज का होना। इस अवस्था में भी हल्दी लाभदायक होती है क्योंकि डायबिटीज होने का एक कारण पाचन का खराब होना माना गया है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है साथ ही इस स्थिति में कफ दोष भी बढ़ जाता है। हल्दी में पाचक गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ बनाती है और मेटाबोलिज्म ठीक करती है। साथ ही कफ शामक होने के कारण यह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण हाथ पैरों का दर्द मिटा देते है। कभी कभी हाथ-पैरों में दर्द होने लगता है ऐसा अक्सर ठंड के मौसम में ज्यादा होता है। तो ऐसे में आपको हल्दी का सेवन करना चाहिए आप have a peek at this web-site गर्म दूध में हल्दी मिलाकर भी पी सकते है।

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